जयदेव जयदेव जयसद्गुरुनाथ ।
अरुणाचल श्रीरमण गुरुसार्वभौम ॥ जयदेव जयदेव ॥
षण्मुख परावतार रिपुषट्कविदूर ।
सुन्दर-सुन्दरी-तनय ज्ञानावतार ॥ जयदेव जयदेव ॥ 1 ||
अरुणाचल स्थिरवास भवबंधविराम ।
सर्वाश्रम परिवर्जित स्कन्दाश्रमधाम ॥ जयदेव जयदेव ॥ 2 ||
गणपतिमुनि संपूजित निरुपमशुभचरण ।
परिपालय कृपया मां करुणापरिपूर्ण ॥ जयदेव जयदेव ॥ 3 ||
शुक्लाम्बरधरवेष वैराग्यप्रदीप ।
सम्सृतिबंधविमोचक सच्चित्सुखरूप ॥ जयदेव जयदेव ॥ 4 ||